पांचवी और आठवीं की परीक्षा लिए जाने का निर्णय  
पांचवी और आठवीं की परीक्षा लिए जाने का निर्णय 

इंदौर। अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने के बाद अब देश के सभी स्कूलों में कक्षा पांचवी और आठवीं की होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को भी समाप्त कर बच्चों को अगली कक्षा उन्नत किया जा रहा था। लेकिन, निचले स्तर पर बच्चों की कमजोर होती शिक्षा की नींव को देखते हुए गत वर्ष इन कक्षाओं की परीक्षा बोर्ड से लिए जाने का निर्णय हो चुका है। 

  कक्षा पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए पिछले साल सारी तैयारी हो गई थी, कितु परीक्षा नहीं ली जा सकी। इस सत्र से इन दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं होंगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने बोर्ड परीक्षा से पहले स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए जिन स्कूलों में सीसीई प्रक्रिया संचालित की जाती है, वहां मासिक मूल्यांकन और अन्य स्कूलों में हर तीन माह में मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है। जिन स्कूलों में त्रेमासिक मूल्यांकन होना है ,वहां सितंबर माह में मूल्यांकन किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र के अनुसार यह प्रश्न पत्र बोर्ड परीक्षा मे लिए जाने वाले प्रश्न पत्र पर ही आधारित होंगे। मूल्यांकन में बच्चों द्वारा दिए गए जवाब का निरीक्षण कर उनके द्वारा लिखे जवाब के आधार पर समस्याओं को समझकर उनकी कमजोरी को पहचाना जाएगा। बाद में उसमें सुधार का प्रयास किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर बेहतर शिक्षा हाँसिल करने के बाद बच्चे की नींव मजबूत हो जाएगी और उन्हें आगे की पढ़ाई करने में परेशानी नहीं आएगी। इस कार्य के लिए शिक्षकों को विशेष  प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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