25 अप्रैल से रमजान माह शुरू, प्रशासन  धर्मगुरुओं से चर्चा कर रास्ता निकालेंगे!   

इंदौर। रमजान माह को लेकर शासन चिंतित है। 25 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान माह को लेकर मुस्लिम समाज को किस तरह से अधिक से अधिक सुविधा मिले और कोई परेशानी न हो, इसके चलते धर्मगुरुओं से भी चर्चा की जा रही है। 24 मई को अंतिम रोजा है और 3 मई को अगर लॉक डाउन खुलता है, तो इसे लेकर किस तरह के विशेष इंतजाम करना होंगे, इस पर भी विचार किया जा रहा है। 
  देश में कोरोना संक्रमण के चलते जहां पर भीड़ होती है, उन्हें आगामी आदेश तक बंद करने के निर्णय लिया है। अगर लॉकडाउन खुलता भी है तो स्कूल, कॉलेज, मंदिर, मस्जिद , मॉल-टॉकीज जैसी जगह खुलने में समय लगेगा। ऐसे स्थान जहां पर अधिक संख्या में लोग एकत्र होते हैं उन्हें फिलहाल बंद ही रखने का निर्णय लिया गया है। 25 अप्रैल के बाद हॉट स्पॉट के क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जगह पर शर्तो के साथ कुछ रियायत दी जा सकती है। सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया है। इसके बाद भी कुछ प्रतिबंध तो रहेंगे ही। रमजान माह में वैसे तो मुस्लिम समाज घर पर ही रहकर इबादत करेंगे, लेकिन अगर लॉक डाउन खुलता है तो किस तरह की सुविधा मिलेगी, इस पर सरकार अपने स्तर पर तैयारी कर रही है। इस संबंध में धर्मगुरुओं से भी चर्चा की जा रही है। आम लोगों के हित के लिए लॉक डाउन के बाद खाद्य वस्तुएं मुहैया करवाने की व्यवस्था तो होगी ही। शहर काजी डॉ इशरत अली ने कहा है कि रमजान माह में अल्लाह की इबादत घर पर ही रहकर करें। शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अपने परिवार के साथ ही देश को बचाने के लिए कदम उठाएं। रमजान माह में कोरोना से मुक्ति के लिए इबादत करें।