इंदौर। लॉक डाउन के बीच बुधवार से प्रारंभ हुई समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी की प्रक्रिया किसानों के लिए मुसीबत भरी रही। शासन की रीति-नीति और लॉक डाउन के बीच दिशा निर्देशों के कारण किसानों को अपनी उपज केंद्र तक लाने के लिए और तुलवाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे बड़ी समस्या शासन स्तर से किसानों को मिले एसएमएस में बड़े ही चौकाने वाले मैसेज भेजे जा रहे हैं। प्रदेशभर के किसानों को 5 क्विंटल, 9 क्विंटल, 13 क्विंटल, 18 क्विंटल और 13 किलो 45 किलो जैसे को ऐसा लग रहा है कि सरकार किसानों की अनदेखी और मजाक तो नहीं कर रही। इस तरह के मैसेज शासन स्तर से क्या हमें परेशान करने के लिए भेजे जा रहे हैं। खरीदी केंद्रों पर ट्रैक्टर से गेहूं तुलाई के लिए एसएमएस मिलने के बाद किसान पहुंचे, पर फिर अपनी उपज बगैर तुलवाए ही घर जाने को मजबूर हो गए। बहुत से किसानों को शासन से मैसेज में ये लिखा हुआ भी नहीं आ रहा कि आपको कितनी उपज खरीदी केंद्र पर लाना है। जब किसान वहां पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि खरीदी केंद्र पर उनका 5-7 या 15 कुंटल गेहूं ही तुल सकेगा!
किसानों के साथ हो रहे इस तरह के भद्दे मजाक पर भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार की रीति-नीति पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि आज इस मुसीबत की घड़ी में किसान ही पूरे देश को अन्य खिला रहा है। वहीं, इस तरह का भद्दा मजाक किसानों के साथ दुर्भाग्य की बात है। सरकार को तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर आ रही विसंगतियों को दूर करना चाहिए। वहीं, किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी उपज खरीदी केंद्र पर लेकर जाएं तो जूट वाले बारदान पर 50 किलो 580 ग्राम उपज ही दें। इससे अधिक खरीदी केंद्र पर नहीं ले सकते! वहीं प्लास्टिक के वरदान पर 50 किलो 80 से 100 ग्राम ही देवें, इससे ज्यादा खरीदी केंद्रों पर वजन लिया जाता है, तो प्रशासन से शिकायत करें।