इंदौर। महू के मोती चौक में साड़ी की एक दुकान में मंगलवार की रात लगी। आग की घटना ने एक बार फिर बता दिया कि अब भी दुकानदारों ने कोई सबक नहीं लिया तो भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है। अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो पास की आइल व पेंट की दुकान भी इसकी चपेट में आ जाती और जानमाल का नुकसान हो सकता था।
चार साल पूर्व शहर में हुई आग लगने की घटना ने लापरवाहियों की सारी पोल खोल कर रख दी थी मगर इसके बाद भी शहर के दुकानदारों ने कोई सबक नहीं लिया। दुकानदार बिना लायसेंस के दुकानें चला रहे हैं, अधिकांश के पास अग्निशमन यंत्र तक नहीं है। कुछ गलियां तो ऐसी हैं कि आग लगने पर फायर ब्रिगेड का वाहन जाना तो दूर दोपहिया वाहन तक नहीं जा सके गा। इसके बावजूद तंग गलियों में बिना सुरक्षा व्यवस्था पेंट व आइल की दुकानें संचालित हो रही हैं। शहर में आइल व पेंट, रुई, कपड़ों की दुकानें व सेल तंग गलियों में संचालित हो रही हैं जिनके पास न तो कि सी प्रकार का लायसेंस है और न सुरक्षा की कोई व्यवस्था। टीन गली में पेंट व आइल की छह दुकानें हैं जहां अब दीपावली के कारण भारी भीड़ उमड़ेगी। आइल पेंट के दुकानदारों ने अपने घरों में बड़ी मात्रा में स्टॉक भर रखा है व गोदाम बना रखा है। अगर आग लगने की घटना होती है तो वहां फायर ब्रिगेड वाहन तो दूर कर्मचारियों का पैदल जाना मुश्किल हो जाएगा। यही हाल कपड़ा मार्केट, बर्तन बाजार का है।
चार साल पूर्व जुलाई 2015 में सांघी स्ट्रीट स्थित जौहर हार्डवेयर की दुकान में आग लगने की घटना हुई थी जिसमें दो लोगों की जान गई थी। तब शहर के प्रमुख दुकानदारों ने कहा था कि इससे सबक लेते हुए वे अपने यहां अग्निशमन यंत्र रखेंगे लेकि न वे भूल गए। आज तक एक भी दुकानदार ने इसकी व्यवस्था नहीं की।
चार साल पूर्व जुलाई 2015 में सांघी स्ट्रीट स्थित जौहर हार्डवेयर की दुकान में आग लगने की घटना हुई थी जिसमें दो लोगों की जान गई थी। तब शहर के प्रमुख दुकानदारों ने कहा था कि इससे सबक लेते हुए वे अपने यहां अग्निशमन यंत्र रखेंगे लेकि न वे भूल गए। आज तक एक भी दुकानदार ने इसकी व्यवस्था नहीं की।