बिना बिल माल ढ़ो रहे दिल्ली-इंदौर लाइन के ट्रांसपोर्टर  - टैक्स चोरी कर शासन को लगा रहे करोड़ों की चपत,

बिना बिल माल ढ़ो रहे दिल्ली-इंदौर लाइन के ट्रांसपोर्टर 


(गोविन्द राठौर, प्रदीप गुर्जर)


- टैक्स चोरी कर शासन को लगा रहे करोड़ों की चपत, सूचना के बाद भी कार्रवाई नहीं करते अधिकारी 
 इंदौर। गुड्स एंड सर्विस टेक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद रिटेल और ट्रेड मार्केट (खुदरा बाजार) का माल ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टर की आड़ में लाखों रुपए प्रतिदिन ट्रांसपोर्टेशन टैक्स चोरी का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। सरकार द्वारा ई-वे बिल लागू करने के बाद भी कुछ ट्रांसपोर्टर रोजाना कालाबाजारी कर रहे है।
   उत्पादन से लेकर विक्रय तक उत्पादों पर पूरे देश में एक कर (जीएसटी) लागू करने के बाद और सारे विभागों को जीएसटी का काम सौंपने के बाद भी कर चोरी रूकने का नाम नहीं ले रही है। जीएसटी लागू होने के बाद ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से कर चोरी की जा रही है। इंदौर से विभिन्न तरह के उत्पादों का सैकड़ों ट्रक माल बिना बिल के टैक्स चोरी कर परिवहन और विक्रय किया जा रहा है। दिपावली त्यौहार तक इन दिनों थोक बाजार में अच्छा उठाव है। जिसके चलते माल परिवहन तो बढ़ गया, लेकिन शासन को मिलने वाले जीएसटी में उतनी ही चोरी भी बढ़ गई। दिल्ली-इंदौर लाइन लाइन पर करीब 50 ट्रांसपोर्टर काम कर रहे हैं। इनमें 20 से अधिक ट्रांसपोर्टर टैक्स चोरी का माल ढ़ो रहे हैं। इन ट्रांसपोर्टरों की 15 से अधिक गाड़ियां इंदौर माल लेकर आती है जिन्हें ट्रांसपोर्टर और संबंधित फर्म रात में खाली करवाते हैं! वहीं टैक्स चोरी के माल लाने वाले वाहन शहर में प्रवेश भी रात में ही करते हैं और सीधे गोदाम पहुंचकर तुरंत गाड़ी खाली कर दी जाती है।
सूचना पर भी कार्रवाई नहीं 
  टैक्स चोरी रोकने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के पास मुखबिर तंत्र भी मजबूत है। मुखबिर अधिकारियों को सूचना भी देते हैं, लेकिन कार्रवाई वहीं होती है जिनकी अफसरों से सेटिंग नहीं हो। कई बार सूचना के बाद भी अधिकारी अपने स्वार्थ के चलते कार्रवाई नहीं करते।
वाहन चालक भी जासूस
  विभाग में एक ओर जहां भ्रष्ट अफसरों की फौज है वहीं कुछ ईमानदार अधिकारियों के पास वाहन चालकों के रूप में गद्दार छिपे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने सख्त अधिकारियों के वाहन चालकों से सेटिंग कर ली जिसके चलते धरपकड़ के बारे में साहब का ड्रायवर ही ट्रांसपोर्टर तक सूचना पहुंचा देता है जिसके चलते सही कार्रवाई नहीं हो पाती है।
बिना बिल तीन स्टेट पार 
  सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली से इंदौर आने तक वाहनों को तीन स्टेट के नाके पार करना पड़ता है बावजूद इसके बिना टैक्स दिए वाहन इंदौर पहुंच जाते हैं। दिल्ली से इंदौर तक सर्कल, डिवीजन और स्टेट सहित करीब 30 से अधिक नाके पार कर गाडिय़ां इंदौर आती है। बावजूद इसके बिना ई-वे बिल की गाडिय़ां इंदौर पहुंच रही है जो बिना बड़े स्तर पर सेटिंग के संभव नहीं है।
इन उत्पादों पर कर चोरी अधिक
  इंदौर सहित पूरे प्रदेश में विदेशी सिगरेट, पान मसाला और इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित अन्य उत्पाद बड़ी मात्रा में बिना कर चुकाए इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में आ रहे हैं। जानकारी बताती है कि इसमें इंदौर के ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों द्वारा ही सारी सेटिंग करवाई जाती है।