भोपाल और इंदौर की कुछ युवतियों को  भी हिरासत में लिए जाने की संभावना! 
भोपाल और इंदौर की कुछ युवतियों को 

भी हिरासत में लिए जाने की संभावना!

-  एनजीओ की आड़ में महिलाओं को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया 

इंदौर। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में नए-नए पेंच सामने आ रहे हैं। रिसकर बाहर आई जानकारियां बताती है कि एनजीओ की आड़ में इन महिलाओं ने जमकर अफसरों और नेताओं का फ़ायदा उठाया है। पूछताछ में ऐसे करीब 200 फोन नंबरों का पता चला है, जिनका उपयोग किया गया! पाँच ऐसी हार्डडिस्क भी जब्त की गई, जिनमें करीब एक हजार आपत्तिजनक वीडियो क्लिप हैं। पूरी जाँच और पूछताछ के बाद 30 से ज्यादा अफसरों और नेताओं पर गाज गिर सकती हैं। 

  हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप का राज उन पांच हार्डडिस्क में है, जो आरोपी युवतियों से बरामद हुई हैं। इन हार्डडिस्क में एक पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, 2 मौजूदा मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेता, 5 आईएएस अधिकारी, डीजी रैंक के अधिकारी, एडीजी रैंक के 2 अधिकारी, एडिशनल एसपी रैंक के 2 अधिकारी, 3 सीएसपी रैंक के अधिकारी, 10 बड़े बिल्डर और कारोबारी, एक मौजूदा मंत्री के ओएसडी, एक विधायक, सागर के एक नेता, इंदौर के एक नेता के साथ मौजूदा सरकार और पूर्व सरकार के नाम सामने आए हैं। आरोपी युवतियों को नेताओं-अफसरों और व्यापारियों ने बंगले और लग्जरी कार गिफ्ट की थीं। एनजीओ की आड़ में करोड़ों का फायदा पहुंचाया जा रहा था। मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की। उधर, मामला तूल पकडऩे के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र का कहना है अभी सभी डिवाइस की फॉरेंसिक जांच होगी जो तथ्य सामने आएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी। मामले में तीन महिला आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। बताया जाता है कि इस पूछताछ में भी पुलिस को कुछ नए तथ्य के बारे में पता चला है और दोनों महिलाओं के निशानदेही पर भोपाल और इंदौर की अन्य युवतियों को भी हिरासत में लिया जा सकता है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस गिरोह के साथ काम करते थे या इन महिलाओं को मदद पहुंचाते थे।
200 नंबरों का चला पता
  हार्ड डिस्क में एक हजार से अधिक अश्लील वीडियो क्लीप मिले हैं। 200 ऐसे फोन नंबर का पता चला है जिसमें महिलाओं ने बातचीत एवं चेटिंग की। यह तथ्य उजागर होने के बाद राजनीतिक प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, कुछ लोगों ने तो सोशल मीडिया में एक-दूसरे पर शक करते हुए पोस्ट भी डालना शुरू कर दिया है। बड़े स्तर पर यह भी प्रयास शुरू हो गए हैं कि अभी तक हुई पूछताछ के बाद आगे के खुलासे न हो इसलिए कार्रवाई को यहीं रोक दी जाए।  
कई दिग्गजों को घेरने के प्रयास

  हनी ट्रैप के मामले में पुलिस के पास जो प्रारंभिक खुफिया जानकारी एवं तथ्य मिले हैं उसमें पता चला है कि गिरोह ने अब तक 25 से 30 ओहदेदार रसूखदार राजनेताओं, व्यावसायियों और वरिष्ठ अधिकारियों को ब्लैकमेल का प्रयास किया है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन के बाद कई बड़े खुलासे और कर सकती है। जांच के दौरान पाया गया है कि महिलाओं द्वारा कई रसूखदार एवं प्रभावशाली लोगों के भी अंतरंग वीडियो फुटेज बनाए गए हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है कि आने वाले समय में इस मामले में लिप्त पाए गए अफसरों और राजनेताओं पर भी गाज गिर सकती है। 

हरभजन की हिम्मत नहीं थी 

  हनी रेप के मामले में जिस एफआईआर के बाद पुलिस और एसटीएफ ने कार्रवाई शुरू की। उसमें ब्लैक मेलिंग का शिकार हुए निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह शिकायत दर्ज ही नहीं कराना चाहते थे। एसीएस पीसी मीणा के अंतरंग वीडियो वायरल होने के बाद खुफिया तंत्र को महिलाओं के इनपुट मिल रहे थे और आरती दलाल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। अंतत: पूरी योजनाबद्ध ढंग से  पुलिस ने हरभजन सिंह पर शिकंजा कसा और उन्हें एफआईआर दर्ज कराने के लिए मजबूर किया