अफसरों के नाम आने से हनीट्रैप की
जाँच को प्रभावित करने की कोशिश! ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjP453K1n1OHXwx0Mmrq7EuyNMLMs7FKO5_GET-xQOLgVvsn-qrEdfFiXJ4nRPxXQmRJAjmQEc9mQzres55ntdsCiOwA9GFV7dry3diJMbYgjK5BJjbtUn-77SZC1D9RBN-QdJxTMJzJAk/)
इंदौर। हनी ट्रेप मामला सामने आने के बाद चल रही जांच में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस इन ब्लैकमेलर महिलाओं के जाल में फंसने वालों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। इस मामले में नौकरशाहों के नामों की अधिकता के कारण अब एसआईटी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
जानकारियां बताती है कि पहले जांच को राजनीतिक रंग देने की कोशिश के चलते नेताओं की संलिप्तता को प्रमुखता से प्रसारित किया गया! लेकिन, जब यह बेअसर रहा तो अब नौकरशाहों में टकराव कराकर जांच प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में कई नेता और अफसरों के नामों की चर्चा थी। इसी कारण डीजीपी वीके सिंह ने एसआईटी का गठन किया, लेकिन इसके पहले जिन लोगों के नाम सामने आना शुरू हुए थे, उनमें कई प्रमुख आला अधिकारी भी शामिल थे। इस बीच अचानक मामले को राजनीतिक रंग देने के लिए नेताओं के नामों को हवा दी। इससे एसआईटी की जांच को प्रभावित कर विवादित करने का प्रयास हुआ, लेकिन जब उसका असर नहीं हुआ तो अब नौकरशाहों की एक टीम ने इसकी दिशा ब्यूरोक्रेट्स के टकराव की ओर मोड़ने का काम शुरू दिया। वहीं, इस मामले में जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) को नौ दिन में तीसरी बार बदला गया। विवादों के चलते एटीएस और काउंटर इंटेलीजेंस चीफ संजीव शमी को एसआईटी से हटा दिया है। अब एसआईटी की कमान लोक अभियोजन महानिदेशक राजेंद्र कुमार को सौंपी गई है। उनके साथ एडीजी सायबर मिलिंद कानस्कर और एसएसपी इंदौर रुचिवर्धन मिश्र को टीम में शामिल किया गया है। टीम की कमान संभालने वाले राजेंद्र कुमार को यह अधिकार दिए गए हैं, वे अगर आवश्यक होगा तो अन्य अधिकारियों की मदद ले सकेंगे।