आज शरद पूर्णिमा पर 30 साल बाद बना दुर्लभ संयोग!
आज शरद पूर्णिमा पर 30 साल बाद बना दुर्लभ संयोग!

  इंदौर। इस बार 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाए जाने के पीछे अलग-अलग मान्यताएं हैं। वैसे तो प्रेम और मधुरता की आवाज वंशीनाद त्यौहार, पर्व हमारी परम्पराओं का ऐसा गौरव है जो केवल आध्यात्मिक आस्था तक के लिए ही नहीं, अपितु समता और समानता की भी एक अनूठी प्रेरणा है। 

   इस वर्ष शरद पूर्णिमा अपने आपमें कुछ खास है, क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी संयोग चल रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ये योग 30 साल बाद बन रहा है। जो एक दुर्लभ संयोग है ये चन्द्रमा और मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से बनता है। शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा मीन राशि और मंगल कन्या राशि मेंं रहने  वाले हैं। मंगल, हस्त नक्षत्र में रहेगा। ये नक्षत्र चन्द्रमा के अधीन आता है। 13 अक्टूबर से पहले यह स्थिति 14 अक्टूबर 1989 में बनी थी। इसके अतिरिक्त चन्द्रमा पर बृहस्पति की नजर पडऩे से गजकेसरी नामक शुभ योग भी चल रहा है। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपने वाहन, उल्लू पर सवार होकर धरती पर आती है। इस दिन हर तरह की फाइनेंसियल प्राब्लम को दूर किया जा सकता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके आप यश और धन्यधान्य का आशीर्वाद पा सकते हैं।
किस राशि पर क्या प्रभाव
  मेष राशि वाले घर के ईशान कोण में गायों के घी का दीपक लगाएं। वृष राशि वाले कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। मिथुन राशि वाले देवी लक्ष्मी के आगे दो दीप जलाएं और उसमें थोड़ी सी केसर भी डाल दें। कर्क राशि वाले सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करें। सिंह राशि वाले सफेद रंग की वस्तुओं या खाद्य पदार्थों का दान करें। कन्या राशि वाले शाम के समय लक्ष्मीजी की पूजा करें। तुला राशि वाले गाय को रोटी खिलाएं। वृश्चिक राशि वाले मां लक्ष्मी को इत्र अर्पित करें। धनु राशि वाले गाय के दूध का धार्मिक स्थल पर दान करें। मकर राशि वाले लक्ष्मी को लाल रंग का फूल या हार चढ़ाएं। कुंभ राशि वाले घर के मंदिर में देशी घी  का दीपक जलाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का इस्तेमाल करें। मीन राशि वाले सुहागिन महिलाओं को खीर खिलाएं।