उपभोक्ता से पैसे लेकर मीटर रीडर
लिख रहे मनमानी रीडिंग, कंपनी चूना
इंदौर। बिजली कंपनी अपनी सेवाएं में पारदर्शिता व बेहतरी के प्रयास में सतत लगी हुई है। नित नई योजनाओं से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है। कंपनी अपनी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करने में लगी हुई है। मीटर रीडर कंपनी को प्रतिमाह लाखों की चपत लगाने से बाज नहीं आ रहे। कई रीडर उपभोक्ताओं से पैसा लेकर कम मीटर रीडिंग लिखकर ले जाते है, जिसका फायदा उपभोक्ता को मिलता है।
इंदौर। बिजली कंपनी अपनी सेवाएं में पारदर्शिता व बेहतरी के प्रयास में सतत लगी हुई है। नित नई योजनाओं से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है। कंपनी अपनी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करने में लगी हुई है। मीटर रीडर कंपनी को प्रतिमाह लाखों की चपत लगाने से बाज नहीं आ रहे। कई रीडर उपभोक्ताओं से पैसा लेकर कम मीटर रीडिंग लिखकर ले जाते है, जिसका फायदा उपभोक्ता को मिलता है।
शहर में बिजली कंपनी के कई फीडरों को स्मार्ट मीटर से जोड़ दिया गया है। जहां स्मार्ट मीटर नहीं लग सके हैं, वहां शीघ्र लगाए जाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता खुद मीटर रीडिंग कर रहे हैं। स्वयं की मीटर रीडिंग कर मैसेज करने पर उपभोक्ताओं को कंपनी को ओर से आकर्षक लाभ भी दिया जाता है। स्मार्ट मीटर रीडिंग से कंपनी के राजस्व में भी अपेक्षाकृत बढ़ोतरी हुई है। कंपनी के काम का बोझ भी कम हुआ है। कर्मचारियों से अतिरिक्त काम लिया जा रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी सतत कंपनी व उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक काम्प्लेक्स स्थित बिजली जोन का एक मीटर रीडर बिजली बिल वितरण के समय उपभोक्ताओं से 200 से 300 रुपए वसूलता है। रुपए लेने के बाद मनचाहा बिजली बिल उपभोक्ता को थमा देता है। यह रीडर मीटर रीडिंग भी उपभोक्ता की मर्जी से कर रहा है। सूत्रों की मानें तो एसी, गिजर, कूलर व अन्य इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का उपयोग करने वाले उपभोक्ता को न्यूनतम राशि का बिल दिया जा रहा है, जिससे कंपनी को प्रतिमाह लाखों रुपए का चूना लग रहा है।