पटवारी अब दो दिन कार्यालय में बैठेंगे  लोगों की सुविधा को देखते हुए फैसला
पटवारी अब दो दिन कार्यालय में बैठेंगे 
लोगों की सुविधा को देखते हुए फैसला


इंदौर। लोगों की सुविधा को देखते हुए अब जिला प्रशासन ने नई व्यवस्था की है। इसके अंतर्गत अब पटवारी सप्ताह में एक दिन नहीं, दो दिन कार्यालयों में पूरे समय बैठेंगे। उनके सप्ताह में एक दिन बैठने से लोगों के काम प्रभावित होते हैं!  लेकिन, दूसरा दिन कौनसा होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। 
  पटवारियों के जिम्मे खेत-खलिहान, खसरा नकल, पटवारी रिपोर्ट देने के साथ जाति प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालों का सर्वे, पुलिस वेरीफिकेशन सहित कई सेवाएं हैं। काम का अत्यधिक दबाव होने के चलते कई फाइलों को चाहकर भी आगे नहीं बढ़ा पाते। कार्यालय के अलावा घर पर भी उनका फाइलों का काम होता रहता है, ताकि लोगों का काम समय पर हो सके। इसके बावजूद लोगों के काम लंबित रहने से वे कोपभाजन का शिकार भी होते हैं। शहर में पटवारियों की संख्या सीमित है, जबकि उनके हल्के (इलाके) अधिक हैं। दो से तीन हल्के में एक पटवारी सेवा देने पर मजबूर है। कई बार बड़े हल्के होने से काम भी ठीक से पूरा नहीं हो पाता है। उधर, जिला प्रशासन ने लोगों की सुविधा को देखते हुए तय किया है कि पटवारी प्रत्येक माह के सोमवार को कलेक्टोरेट स्थित कार्यालय पर बैठेंगे। सोमवार को अवकाश रहने पर अगले सोमवार का दिन निर्धारित किया गया है। 
सैकड़ों आवेदक 
  माह में चार दिन पटवारियों के बैठने के बावजूद फाइलें लंबित रहती है। लोकसेवा केन्द्रों पर हर सप्ताह 500 से अधिक आवेदन जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड आदि के लिए आते हैं, जिसकी जांच कर आगे बढ़ाने का काम पटवारियों को करना पड़ता है। मात्र एक दिन में सभी आवेदनों की जांच करना संभव नहीं हो पाता, जिससे लोगों का काम समय पर नहीं हो पाता। 
दिन अभी तय नहीं
  अभी तक पटवारी प्रत्येक सोमवार को कार्यालय में बैठते हैं। अब एक दिन कौनसा निर्धारित रहेगा, यह अभी तक नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि मंगलवार को उनके कार्यालय में बैठने पर सहमति बन सकती है। क्योंकि, इस दिन जनसुनवाई भी रहती है।