मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में अड़चन बने पेड़-पौधे
शिफ्ट, दूसरे चरण का सर्वे किया जाएगा
इंदौर। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम शहर में तेजी से चल रहा है। 14 सितम्बर को मुख्यमंत्री कमलनाथ इसका शिलान्यास करेंगे। इसके बाद मेट्रो प्रोजेक्ट पर और तेजी से काम शुरू हो जाएगा। मेट्रो लाइन बिछाने के लिए जहां जहां पेड़-पौधे बाधक बने हुए हैं उन्हें ट्रांसप्लांट करने का काम शुरू कर दिया है। सर्वे के मुताबिक 482 पेड़-पौधे बाधक हैं। इसमें से 220 पेड़-पौधों को 7 अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसप्लांट किया जा चुका है।
बीते दिनों मेट्रो रूट के लिए किए गए सर्वे के दौरान एमआर-10 से लेकर रिंग रोड की मुमताज बाग कॉलोनी खजराना तक के 482 पेड़ों को चिन्हित किया गया है। उद्यान विभाग के अधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि पेड़-पौधों को ट्रांसप्लांट करने में पूरी सावधानियां बरती जा रही है। हम सावधानीपूर्वक पेड़ों का ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। बीच में बारिश नहीं हो पाने के कारण अवश्य कुछ देर हो गई, लेकिन अब वातावरण अनुकूल है। ट्रांसप्लांट करने के लिए उनके साथ 7 लोगों की टीम है।
इन सभी पेड़ों के ट्रांसप्लांट के बाद मेट्रो कंपनी द्वारा मेट्रो रूट पर साइड टेस्ट, लोड कैपेसिटी टेस्ट और लोड डिस्ट्रीब्यूशन जैसे टेस्ट कर सकेगी। इस रूट पर ऐसे लगभग 350 पेड़ ऐसे भी हैं, जिन्हें काटने या ट्रांसप्लांट करने के लिए नियमों के अनुसार किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी हटाया जा रहा है। जिस पेड़ को ट्रांसप्लांट करना होता है, पहले उसके चारों तरफ गड्डा खोदकर उसकी फैली जड़ों को काट दिया जाता है, फिर उसे रेत से भर देते हैं, फिर लंबे समय तक उसमें पानी डाला जाता है। जब उसमें नई जड़ें निकल आती है तो उनको बोरियों से ढंककर पेड़ को उखाड़कर दूसरी जगह प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। जिस जगह पेड़ को प्रत्यारोपित किया जाता है, वहां भी रेत का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि रेत में जड़ें जल्दी निकलती है।
इन स्थानों पर शिफ्ट किए
मेघदूत पार्क, शारदा मठ के पास वाले रोड पर, लवकुश-हीरानगर डिवाइडर पर, बापट से नक्षत्र वाले डिवाइडर पर, लाहिया कॉलोनी डिवाइडर पर, गोल्डन पॉम कॉलोनी डिवाइडर, स्कीम 136 गार्डन शारदा नगर के पास में निकाले गए पेड़-पौधों को शिफ्ट किया गया है।
इंदौर। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम शहर में तेजी से चल रहा है। 14 सितम्बर को मुख्यमंत्री कमलनाथ इसका शिलान्यास करेंगे। इसके बाद मेट्रो प्रोजेक्ट पर और तेजी से काम शुरू हो जाएगा। मेट्रो लाइन बिछाने के लिए जहां जहां पेड़-पौधे बाधक बने हुए हैं उन्हें ट्रांसप्लांट करने का काम शुरू कर दिया है। सर्वे के मुताबिक 482 पेड़-पौधे बाधक हैं। इसमें से 220 पेड़-पौधों को 7 अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसप्लांट किया जा चुका है।
बीते दिनों मेट्रो रूट के लिए किए गए सर्वे के दौरान एमआर-10 से लेकर रिंग रोड की मुमताज बाग कॉलोनी खजराना तक के 482 पेड़ों को चिन्हित किया गया है। उद्यान विभाग के अधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि पेड़-पौधों को ट्रांसप्लांट करने में पूरी सावधानियां बरती जा रही है। हम सावधानीपूर्वक पेड़ों का ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। बीच में बारिश नहीं हो पाने के कारण अवश्य कुछ देर हो गई, लेकिन अब वातावरण अनुकूल है। ट्रांसप्लांट करने के लिए उनके साथ 7 लोगों की टीम है।
इन सभी पेड़ों के ट्रांसप्लांट के बाद मेट्रो कंपनी द्वारा मेट्रो रूट पर साइड टेस्ट, लोड कैपेसिटी टेस्ट और लोड डिस्ट्रीब्यूशन जैसे टेस्ट कर सकेगी। इस रूट पर ऐसे लगभग 350 पेड़ ऐसे भी हैं, जिन्हें काटने या ट्रांसप्लांट करने के लिए नियमों के अनुसार किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी हटाया जा रहा है। जिस पेड़ को ट्रांसप्लांट करना होता है, पहले उसके चारों तरफ गड्डा खोदकर उसकी फैली जड़ों को काट दिया जाता है, फिर उसे रेत से भर देते हैं, फिर लंबे समय तक उसमें पानी डाला जाता है। जब उसमें नई जड़ें निकल आती है तो उनको बोरियों से ढंककर पेड़ को उखाड़कर दूसरी जगह प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। जिस जगह पेड़ को प्रत्यारोपित किया जाता है, वहां भी रेत का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि रेत में जड़ें जल्दी निकलती है।
इन स्थानों पर शिफ्ट किए
मेघदूत पार्क, शारदा मठ के पास वाले रोड पर, लवकुश-हीरानगर डिवाइडर पर, बापट से नक्षत्र वाले डिवाइडर पर, लाहिया कॉलोनी डिवाइडर पर, गोल्डन पॉम कॉलोनी डिवाइडर, स्कीम 136 गार्डन शारदा नगर के पास में निकाले गए पेड़-पौधों को शिफ्ट किया गया है।