महिला कैदियों को जेल प्रशासन  कम्प्यूटर का भी प्रशिक्षण देगा   
महिला कैदियों को जेल प्रशासन 

कम्प्यूटर का भी प्रशिक्षण देगा  

इंदौर। जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश प्रशासन कर रहा है। इसी क्रम में पिछले दिनों 12 महिला कैदियों को जेल परिसर के अंदर एक सामाजिक संस्था की और से स्कूटर रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दिया गया था। इस पहल पर एक कदम ओर बढ़ाते हुए कम्प्यूटर का प्रशिक्षण भी देने पर विचार हो रहा है। 

  सीआई जेल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में जेल में 50 से अधिक महिला बंदी है। इसमें कुछ सजायाफ्ता तो कुछ मियादी बंदी है। जेल व शासन की अधिकांश सुविधाओं का लाभ सजायाफ्ता बंदियों को ही मिलता है। खासकर, 15 अगस्त व 26 जनवरी को ऐसी कैदियों को निर्धारित सजा में कुछ छूट मिल जाती है। मियादी बंदियों को किसी प्रकार की अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलती। आम कैदियों को मिलने वाली सुविधाएं ही वे उठा पाते हैं। 'भाग्य लक्ष्मी' नामक सामाजिक संस्था ने पिछले दिनों जेल अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में संस्था ने महिला कैदियों के हित में निर्णय लिया। इसमें संस्था ने 20 महिला बंदियों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देने की बात कही। प्रशिक्षण में कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क रहेगा। प्रशिक्षण के बाद बंदियों को प्रमाण पत्र देंगे, ताकि वे जेल से रिहा होने के बाद रोजगार का लाभ ले सके। जेल में जिन 20 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की बात कही जा रही है। उनका सर्वे जेल में शुरू किया जाएगा। सर्वे में यह देखा जाएगा कि वे कहां तक शिक्षित हैं। अधिकांश महिला कैदी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है। इसलिए उन्हें प्रशिक्षण के लिए शामिल नहीं किया जाएगा। जो महिला कैदी पढ़ी-लिखी है वे ही चयनित होगी।

 

   प्रशिक्षण के लिए जेल में संचालित होने वाली लायब्रेरी के कक्ष का चयन किया गया है। यहां पुरुष कैदी लायब्रेरी से जाने के बाद महिलाएं प्रशिक्षण लेंगी। प्रशिक्षण रोजाना एक घंटे का दिया जाएगा। अभी समय का निर्धारण नहीं हो सका है। कम्प्यूटर की व्यवस्था एनजीओ स्वयं करेगी। प्रशिक्षण के लिए पांच कम्प्यूटर रखे जाएंगे। पांच बंदियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा। 20 महिला बंदियों के लिए 4 घंटे का समय रखा गया है। इसमें दो घंटे सुबह व दो घंटे शाम को प्रशिक्षण दिया जाएगा।