महिला एवं बाल विकास गली-गली में
घूमकर कुपोषित बच्चों को खोजेगा
इंदौर। महिला एवं बाल विकास विभाग शहर व जिले को कुपोषण से पूरी तरह मुक्ति दिलाने की कवायद में लग गया है। इसमें वह नंबर-वन के पायदान पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है। कुपोषित बच्चों को ढूंढने के लिए कर्मचारी गली-गली घूमेंगे। यदि कहीं कुपोषित बच्चे मिले तो इसकी सजा विभाग के अधिकारियों पर गिरेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी में बताया गया कि पिछले कुछ महीनों से शहर की निचली बस्तियों व ग्रामीण इलाकों में कुपोषित बच्चों के मामले सामने आ रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए आंगनवाड़ी स्तर पर काम किया जाता है। गत दिनों विभाग के प्रमुख अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी कि सरकार कुपोषण खत्म करने पर लाखों रुपए खर्च कर रही है, इसके बावजूद परिणाम अच्छे नहीं आ रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में आया था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं गंभीरता से इस पर काम नहीं करती। विभागीय अधिकारी भी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं पर कार्रवाई नहीं कर पाते, जिसके चलते कई बार कुपोषित बच्चों के मामले सामने आ जाते हैं। वरिष्ठ अधिकारी की लताड़ के बाद दो दिन महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों ने देपालपुर व शहर के कई इलाकों का निरीक्षण किया। औपचारिकता निभाकर वे मौन साध गए। दो दिन में अधिकारी उस इलाके में निरीक्षण करने पहुंचे, जहां कुपोषित बच्चे नहीं हैं। सरकार ने कुपोषण को लेकर जीरो टालरेंस अपनाना शुरू कर दिया है। कठोर निर्णय लिया जाकर कुपोषित बच्चे मिले तो महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों पर गाज गिरेगी।