कोर्ट में आवेदन ख़ारिज होने के बाद निगम  ने रीगल टॉकिज पर नोटिस चस्पा किया  
कोर्ट में आवेदन ख़ारिज होने के बाद निगम 

ने रीगल टॉकिज पर नोटिस चस्पा किया 

 इदौर। नगर निगम की टीम आज सुबह रीगल टॉकिज का कब्जा लेने पहुँच गई। इस टॉकिज की जमीन की कीमत वर्तमान दर के मान से 300 करोड़ रुपए आंकी गई है। कल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा टॉकिज मालिकों का आवेदन खारिज किए जाने के बाद आज सुबह निगम ने अपनी आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया। निगम ने नोटिस चस्पा कर दिया है।    

  नगर निगम के द्वारा रीगल टॉकिज पर पिछले कई माह से लगातार नजर रखी जा रही थी। निगम इस तैयारी में था कि कब मौका मिले और इस टॉकिज की जमीन का आधिपत्य लिया जाए। आज से 85 वर्ष पूर्व जब इंदौर में होल्कर राजाओं का राज रहा था तब रीगल टॉकिज की जमीन लीज पर दी गई थी। निगम द्वारा वर्ष 2008 में इस टॉकिज की लीज समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की गई थी, तब से ही वह मामला लगातार न्यायालय में चल रहा था। निगम द्वारा वर्ष 2012 से इस मामले में अलग-अलग स्तर पर कार्रवाई चलती रही। 1930 में  जमीन लीज़ पर दी गई थी। यहाँ पर 1934 से रीगल टॉकिज शुरु हुआ था, जो अब तक चल रहा है। उच्च न्यायालय द्वारा लोक परिसर बेदखलीय अधिनियम के तहत अधीनस्थ द्वारा जारी किए गए आदेश को चुनौती देने वाला टॉकिज संचालकों का आवेदन ख़ारिज कर दिया गया था! इसके बाद से यहां कवायद तेज हो गई थी कि नगर निगम द्वारा इस टॉकिज का कब्जा तत्काल लिया जाए। नगर निगम के प्रभारी आयुक्त कृष्णन चैतन्य ने कहकर इस कवायद की हवा निकाल दी, थी कि अभी हमें विधिवत कब्जा लेने के लिए काफी कार्रवाई करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निगम कब्जा लेने के लिए जल्दबाजी नहीं करेगा। इसके बाद निगम के द्वारा रातों रात विधिक राय लेने के साथ ही आगे की तैयारी की गई। आज सुबह ही इस टॉकिज की जमीन का कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू की गई। इस कार्रवाई को निगम की लीज शाखा के प्रभारी मनीष पांडे के नेतृत्व  में निगम की टीम के द्वारा अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई को करने के लिए निगम के अधिकारी सुबह 9.20 पर रीगल पहुंच गए थे। इसके बाद फिर दूसरे अमले के आने का  इंतजार किया गया। 10 बजे बाद निगम की टीम द्वारा कब्जा लेने की कार्रवाई को शुरू किया गया। ध्यान रहे कि पिछले दिनों इस टॉकिज पर कब्ज़ा लेने के लिए निगम ने नोटिस चस्पां करने की कार्रवाई कर दी गई थी।