हनीट्रेप मामले में कई नए राज खुले, पूर्व
सरकार के कई मंत्री रैकेट से जुड़े रहे!
इंदौर। हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट कांड की जाँच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। लम्बी पूछताछ के बाद आरती दयाल टूट गई और उसने कई खुलासे किए! बताया जा रहा है कि कई भाजपा नेता और बड़े अधिकारी इस रैकेट के लगातार संपर्क में थे। इनके विदेश तक जाने की जानकारी मिली है। मामले की जाँच के लिए बनी एसआईटी अब इन विष कन्याओं के पासपोर्ट और नेताओं, अफसरों के पासपोर्ट भी खंगालेगी! ये खोजा जाएगा कि इस रैकेट की सदस्याओं के विदेश में रहते कौनसा नेता और अफसर विदेश गया था।
एसआईटी की पूछताछ में ये जानकारी भी हाथ लगने की सूचना है कि पिछली सरकार के कई मंत्री और एक मुख्यमंत्री इस रैकेट से काफी निकट थे। सभी ने इन महिलाओं की टेंडर और एनजीओ को काम दिलवाने मदद भी की थी। ये महिलाएं इसी तरह की साजिश कमलनाथ सरकार में भी रचने बिछा रही थीं, लेकिन वे अपने मकसद कामयाब नहीं हो सकीं! मध्यप्रदेश के साथ एसआईटी को छत्तीसगढ़ के भी भाजपा नेताओं और बड़े अफसरों की करतूतों की जानकारी हाथ लगी है। इस रैकेट में 40 से ज्यादा कॉल गर्ल और फ़िल्मी दुनिया की बी-ग्रेड एक्ट्रेस, मॉडल के जुड़े होने सबूत भी हाथ लगे हैं। पूछताछ में पता चला कि शुरू में नेताओं और अफसरों ने मौज मस्ती के लिए इस गैंग से निकटता बढ़ाई, लेकिन बाद में ये उनकी मज़बूरी बन गई! इन महिलाओं ने उनके साथ अपने अश्लील वीडियो बनाए और फिर ब्लैकमेल किया।
पूछताछ में जो खुलासे हुए उनमें ये भी है कि एक पूर्व मंत्री की पत्नी भी हनीट्रैप गैंग के एनजीओ और दूसरे कारोबार से सम्बद्ध थी। उनकी मदद से इनके एनजीओ को भाजपा के कई सांसदों से फंड भी आवंटित किया था। मंत्री की पत्नी ने अपने प्रभाव से छत्तीसगढ़ से भी इनके एनजीओ को करोड़ों रुपए दिलवाए हैं। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री की पत्नी की पार्टनरशिप भोपाल की आरोपी महिला के पति के एनजीओ और दूसरे कारोबार में थी। इसके चलते भी मेहरबानी रही कि इनके एनजीओ को पिछले 6 साल से शिक्षा विभाग के साथ दूसरे सरकारी विभागों और सांसद निधि से भी करोड़ों का फंड मिला। इनके एनजीओ को मध्यप्रदेश के साथ साथ 2010 से छत्तीसगढ़ में भी बड़े स्तर पर काफी काम मिला था। इसके अलावा एनजीओ को दिल्ली, मुंबई की बड़ी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड भी मिला!
रिमांड बढ़ा
कोर्ट ने श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता और बरखा सोनी का 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड दिया है। वहीं, आरती और मोनिका का पुलिस रिमांड बी एक अक्टूबर दिया। मेडिकल के लिए ले जाने के दौरान आरती ने मीडिया से कहा कि मैं बेगुनाह हूं, मुझसे जबरन ब्लैंक पेपर पर मुझसे साइन करवाए जा रहे हैं। शुक्रवार को रिमांड खत्म होने पर पुलिस आरती और छात्रा को अलग-अलग मेडिकल करवाने के लिए एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची। मेडिकल के बाद लौटते समय आरती ने पहली बार मीडिया के सामने खुद को बेकसूर बताया। उसने पलासिया टीआई का नाम लिया। इसके पहले सुबह एसआईटी की टीम महिला थाने पहुंची और आरती से पूछताछ की।
आरती दयाल ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह इंदौर में सिर्फ एक ठेका चाहती थी! लेकिन, 7 महीने बाद भी इंजीनियर हरभजन सिंह उसे कोई टेंडर नहीं दिलाया। हर बार किसी होटल में मुलाकात करता और 8-10 करोड़ के टेंडर देने का लालच देता था। इसके बाद लगा कि उसे अब सबक सिखाना जरूरी है। फिर छात्रा को उससे मिलवाया। दोनों का वीडियो बनाया और हरभजन से 3 करोड़ की डिमांड की।
पासपोर्ट की होगी जांच
गिरफ्तार महिलाओं के पासपोर्ट की भी अब जांच की जाएगी। आरोपी महिलाओं ने किस किस के साथ कब-कब की विदेश यात्राएं की इस बात का पता लगाया जाएगा। पासपोर्ट की जांच से पता चलेगा कि इन लोगों ने कब विदेश यात्राओं पर गई थी और उसके आसपास की तारीखों में विदेश यात्रा करने वाले नेताओं और अफसरों के पासपोर्ट की भी हो सकती है जांच ।