हम्मालों के बीमा में मंडी  प्रशासन की रुचि नहीं!   
हम्मालों के बीमा में मंडी 

प्रशासन की रुचि नहीं!   

इंदौर। शहर की मंडियों में दिनभर काम करने वाले हम्मालों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शासन ने तीन बार शिविर लगाने के आदेश मंडी प्रशासन को दिए, मगर हर बार मंडी प्रशासन ने बहानेबाजी कर उसे टाल दिया। 

  लक्ष्मीबाई मंडी और छावनी अनाज मंडी में 50 वर्ष से अधिक आयु के 1000 से अधिक हम्माल हैं, जिनसे व्यापारी हाड़तोड़ काम कराता है। लेकिन, इनके स्वास्थ्य के प्रति कभी गंभीर नहीं रहता। यही कारण है कि असमय हम्माल बुजुर्ग होने के साथ मौत के शिकार हो जाते हैं। बच्चों के साथ परिवार का गुजारा करना भी मुसीबत बन जाता है। हम्माल संघ के अध्यक्ष राजू प्रजापत ने बताया कि पिछले साल मंडी विभाग के प्रमुख सचिव अहमद किदवई से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। इस दौरान हम्मालों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया था। प्रतिनिधिमंडल को किदवई ने आश्वस्त किया था कि उनकी समस्याओं का अक्षरश: निराकरण करना सरकार की प्राथमिकता है। किदवई ने मंडी प्रशासन को आदेश जारी किए थे कि वे हर तीन माह में हम्मालों के स्वास्थ्य के लिए शिविर आयोजित करे, लेकिन प्रमुख सचिव के आदेश को मंडी प्रशासन घोलकर पी गया। उधर, कई बार मंडी प्रशासन से हम्माल संघ ने शिविर लगाने की बात कही। संघ की बात को प्रशासन ने तवज्जो नहीं दी। हम्माल संघ ने बताया कि शीघ्र ही शिविर नहीं लगाए गए तो आंदोलन करने के साथ ही प्रशासन की शिकायत प्रमुख सचिव से की जाएगी।