बिजली खर्च के हिसाब से होगा बिल का रंग! 
बिजली खर्च के हिसाब से होगा बिल का रंग!

- बिजली चोरी की सूचना देने वालों को भी दस हज़ार तक ईनाम 
इंदौर। शहर के बिजली उपभोक्ताओं को कंपनी नई योजनाओं से लाभान्वित कर रही है। अब 150 यूनिट तक बिजली यूनिट वाले उपभोक्ताओं को अगले माह से पीले रंग का बिजली बिल मिलेगा। जबकि इससे अधिक खपत पर सफेद, नीला, हरा अलग-अलग रंग का बिल दिया जाएगा। बिजली कंपनी ने चोरी रोकने के लिए भी सूचना देने वालों को ईनाम देने की योजना बनाई है। 

  शासन ने गरीबों को सस्ती बिजली देने की योजना शुरू कर रखी है। इसमें वे उपभोक्ता शामिल किए गए हैं, जो गरीब तबके के होकर न्यूनतम आय वाले हैं। ऐसे गरीब शहर में कंपनी के मुताबिक 50 हजार से अधिक हैं। इन उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 150 यूनिट बिजली दी जा रही है, इसका शुल्क 100 रुपए वसूला जाता है। अधिक बिजली की खपत होने से बिल राशि को घरेलू बिजली के खर्च के मान से बिल थमाया जाता है। बिजली कंपनी के एमडी विकास नरवाल की मानें तो सालों से सफेद रंग का बिजली उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। अब इसके रंग में परिवर्तन किया जा रहा है। उनके अनुसार, रंग में परिवर्तन करने से कंपनी को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में जहां बिजली बिल की छपाई हो रही है, वहां पीले रंग की छपाई के लिए अतिरिक्त रुप से पीला कागज उपलब्ध कराना होगा। छपाई वाले स्थान पर मशीन में भी कुछ आवश्यक उपकरण लगाने होंगे। एक अक्टूबर से शहर के सभी उपभोक्ताओं को अलग-अलग रंग के आकर्षक बिजली बिल वितरित की जाएंगे।

बिजली चोरी पकडाओ ईनाम पाओ 

 बिजली कंपनी अब अनियमितता व चोरी रोकने के लिए मुखबीरों की मदद लेगी। जो इसमें मदद कर चोरी पकड़वाएगा, उसे बिजली कंपनी न्यूनतम 1 हजार एवं अधिकतम दस हजार का इनाम देगी। बिजली कंपनी की इस पहल का उदेद्शय बेईमानी करने वालों पर अंकुश लगाना और लाइन लास घटाना है। कंपनी के इस प्रस्ताव को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में मंजूरी मिल चुकी है। मप्रपक्षेविविकं का कार्य क्षेत्र 15 जिलों में विस्तृत रूप से फैला है। लाइनों, ट्रांसफार्मर से कई बार बिजली चोरी का जाती है। इस के साथ ही घरेलू की बजाए अनियमितताएं भी सामने आती रहती है। ये सब कारण बिजली कंपनी के लाइन लॉस घटाने में रोड़ा अटकाते नजर आते हैं। इसके समाधान के लिए अब बिजली कंपनी मुखबीरों का सक्रिय करेगी, जो व्यक्ति बिजली चोरी व अन्य अनियमितता पकड़वाएगा, उसे विजीलेंस विभाग से इनाम देगा। विजीलेंस की गतिविधि बढ़ाने एवं दस हजार तक का इनाम देने के लिए कंपनी द्वारा बनाए प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी मुखबीरों का अलग अलग पैमाने से भुगतान कर सकेगी, अधिकतम आंकड़ा दस हजार प्रति मुखबीर हो सकता हैं। विजिलेंस टीम को और सक्रिय कर रहे हैं।