अब जीएसटी के लिए भौतिक सत्यापन
होगा, चोरी कीफर्जी फर्में सामने आएंगी
इंदौर। फर्जी फर्में बनाने वाले व्यापारियों को पकडऩे के लिए सेंट्रल और स्टेट जीएसटी ने तैयारी कर ली है। व्यापारी के आधार कार्ड पर दर्ज पते के आधार पर उसका वेरीफिकेशन किया जाएगा। इससे न सिर्फ बोगस व्यापारियों की पहचान होगी, बल्कि उनका पता लगाकर उन पर कार्रवाई करना आसान होगा।
अब तक सामने आए जीएसटी चोरी के मामलों में सबसे ज्यादा मामले फर्जी पते पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने के मिले हैं। यह प्रक्रिया ठीक वैसी होगी, जैसे लोन देने के पहले बैंक द्वारा कर्जदार का वेरीफिकेशन की प्रक्रिया होती है। सेन्ट्रल और स्टेट जीएसटी विभाग से जुड़े जानकार बताते हैं कि विभाग ने फर्जी पते की जांच करने के लिए इस नए नियम लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। संभवतया जनवरी 2020 से नियम को लागू कर व्यापारियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन में दर्ज पते का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। दोनों विभाग के जांच अधिकारी जीएसटी और रिटर्न को खंगालकर बोगस व्यापारियों को पकड़ेंगे। साथ ही सभी व्यापारियों का बारी-बारी से मौके पर जाकर पते का सत्यता की जांच होगी।
अभी तक व्यापारी जो पता दर्ज करा है उसे ही सही मान लिया जाता है। जीएसटी चोरी करने कई व्यापारियों ने फर्जी नाम, पते पर कर्ई कंपनियां बनाई है। इन कंपनियों के नाम पर करोड़ों का फर्जी व्यापार दिखाकर जीएसटी बचा ली जाती है। अधिकांश मामलों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन पर पता फर्जी पाया गया है। अब हर व्यापारी के पते का भौतिक सत्यापन होगा। इसके बाद फर्जी रजिस्ट्रेशन और कंपनियों की पहचान आसानी से होगी।
अभी तक व्यापारी जो पता दर्ज करा है उसे ही सही मान लिया जाता है। जीएसटी चोरी करने कई व्यापारियों ने फर्जी नाम, पते पर कर्ई कंपनियां बनाई है। इन कंपनियों के नाम पर करोड़ों का फर्जी व्यापार दिखाकर जीएसटी बचा ली जाती है। अधिकांश मामलों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन पर पता फर्जी पाया गया है। अब हर व्यापारी के पते का भौतिक सत्यापन होगा। इसके बाद फर्जी रजिस्ट्रेशन और कंपनियों की पहचान आसानी से होगी।