तीन शहरों के दोनों ज्योतिर्लिंगों को  जोड़कर धार्मिक झोन की योजना!  
तीन शहरों के दोनों ज्योतिर्लिंगों को 

जोड़कर धार्मिक झोन की योजना!

- धार्मिक टूरिज्म झोन में 'ओम रेखा' विकसित हो तो विदेशी पर्यटक भी आ सकेंगे 

इंदौर। इंदौर की पूर्व शासक अहिल्याबाई होलकर शिव की उपासक थीं। उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर को मिलाकर धार्मिक टूरिज्म झोन बनाया जा सकता है। इसे उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर धार्मिक टूरिज्म झोन दिया जाए! इस प्रोजेक्ट को इस तरह प्लान किया जाए जिस तरह रामायण सर्किट व दिल्ली-जयपुर-आगरा के गोल्डन ट्राइंगल की तर्ज पर विकसित किया गया है। 

    तीनों शहरों में होटल-टूरिज्म इंडस्ट्री में बूम आएगा। अकेले इंदौर में कारोबार 150 करोड़ को पार होगा। दुबई से आने वाले खाड़ी देशों के भारतीय दो दिन में दोनों ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे। इंदौर में पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है। सरकार कोशिश कर रही है कि 'ओम रेखा' धार्मिक टूरिज्म झोन आकार ले सके। ये रेखा विकसित हुई तो चार दिन के पैकेज में भोजपुर में भी शिव दर्शन हो सकेंगे। देश में संभवत: इंदौर ऐसा शहर है, जिसके 137 किमी के दायरे में दो ज्योतिर्लिंग हैं। 55 किमी दूर उज्जैन में महाकाल तो 78 किमी दूर ओंकारेश्वर में ममलेश्वर। दोनों ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी भी सिर्फ 137 किमी। श्रद्धालु चाहें तो एक ही दिन में दोनों के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर ऐसा कर नहीं पाते, जबकि दोनों ओर से इंदौर आकर वहां आसानी से जाया जा सकता है। उज्जैन में रोजाना औसतन 20 हजार और त्योहार के दिनों में एक से पांच लाख श्रद्धालु जाते हैं। इनमें से 70% उज्जैन से ही दर्शन कर लौट जाते हैं। इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर के पास है, फिर भी यहां पर्यटक कम आते हैं। जो आते हैं, वे भी सिर्फ मांडू, महेश्वर जाने के लिए। जबकि यहां भी राजबाड़ा जैसे हेरिटेज हैं। तीनों शहरों को मिलाकर धार्मिक टूरिज्म झोन में 'ओम रेखा' विकसित की जाए तो इंदौर में विदेशी पर्यटक भी आ सकेंगे। जब ये डेवलप होगा तो पर्यटक 4 दिन के पैकेज में महेश्वर व भोजपुर में भी शिव दर्शन करने की योजना बना सकेंगे।  

क्या है 'रामायण सर्किट'

  भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या से लंका कूच करने के दौरान बीच में आए शहरों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना घोषित की है। इसमें 10 राज्यों के 15 शहर शामिल हैं। इसी तरह दिल्ली से आगरा और जयपुर को जोड़कर जो गोल्डन ट्राइंगल बना है। इससे इन शहरों में पर्यटक बंट गए हैं।
वर्तमान व दो पूर्व संभागीय आयुक्तों ने प्लान बनाया है। इसके तहत सुझाव दिए गए हैं कि उज्जैन-ओंकारेश्वर के बीच टूरिस्ट बसें चलाएं। इनका समय इंदौर-उज्जैन में आने वाली बड़ी ट्रेनों से कनेक्ट किया जाए। बद्रीनाथ, केदारनाथ की तरह हेलिकॉप्टर सेवा शुरू हो। इंदौर एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर मिल जाए। इंदौर-मोरटक्का रोड खराब है। इंदौर-खंडवा फोरलेन का काम अधूरा है। यह पूरा हो तो उज्जैन से ओंकारेश्वर 3 घंटे में पहुंचा जा सकता है। उज्जैन के महाकाल मंदिर, रेलवे स्टेशन व इंदौर एयरपोर्ट पर 'ओम रेखा' की ब्रांडिंग हो। चोरल नदी व डैम, हनुवंतिया, सैलानी टॉपू पर वाटर स्पोर्ट्स बढ़ाएं। महू-पातालपानी हेरिटेज ट्रेन की ब्रांडिंग की जाए। तीनों शहरों के लिए सरकार या कंपनियों के साथ मिलकर अलग-अलग दिन के टूर पैकेज बनाएं। जैसे- आईआरसीटीसी बनाती है। ओंकारेश्वर-उज्जैन में हर साल त्योहारों पर बड़े आयोजन नहीं होता। सावन में मेला या बड़ा आयोजन किया जाए।