ओला ड्राइवर ने किया आत्मदाह का प्रयास हंगामें के बाद पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ

ओला ड्राइवर ने किया आत्मदाह का प्रयास 
हंगामें के बाद पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ हंगामा ।


इंदौर। कलेक्ट्रेट परिसर पर सोमवार को जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ी। अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे ओला ड्राइवर ने प्रदर्शन के दौरान केरोसिन डालकर खुद को जलाने की कोशिश की। पुलिस ने उसे हटाने की कोशिश की तो साथ आए करीब 250 ओला ड्राइवरों ने हंगामा कर दिया, उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। ओला ड्राइवरों का आरोप है के पुलिस की लाठी में कई गंभीर चोट आई है। एक का तो हाथ तोड़ दिया है।
मिली जानकारी अनुसार पिछले कई दिनों से ओला संचालक और आॅटो  चालक संघ के बीच आपसी विरोध चल रहा है। आॅटो चालक संघ ओला कैब का इंदौर में विरोध कर रहे हैं, इसके चलते सोमवार को आटो चालक संघ कलेक्टर कार्यालय पर कलेक्टर लोकेश जाटव से मिलने पंहुचे थे, लेकिन अचानक आॅटो चालकों द्वारा कलेेेक्ट परिसर में एक कार से घासलेट निकालकर खुद पर डाल कर आग लगाने का प्रयास किया गया, जिसके बाद पुलिस ने इन चालकों पर लाठी चार्ज कर उन्हें कलेक्टर आॅफिस से बाहर खदेड़ा।
जूनी इंदौर सीएसपी दिशेष अग्रवाल ने बताया कि ओला और कैब को लेकर शहर में ड्राइवर लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। इसी मुद्दे को कैब संचालक और इनके कुछ साथी कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे। भीतर बात चल ही रही थी कि बाहर खड़े ड्राइवर नीलेश और इंदर ने केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। इससे केरोसिन छुड़ाकर मामले को शांत करने की कोशिश कर ही रहे थे कि इनके साथ आए अन्य साथियों ने हंमागा कर दिया।


आत्मदाह की दी थी धमकी
आग लगाकर खुद को जलाने की कोशिश करने वाले  इन्दर सिंह यादव ने साथियों के लिए एक लेटर खिला था, जिसमें उसने लिखा था कि - मैं आप लोगों से यह कहना चाहता हूं कि जब से ओला कंपनी इन्दौर मे आई है, तकरीबन तभी से मैं आप सब के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते हुए आया हू और ऐसे कई मामले है, जिसमे मैंने आपके सहयोग से जीत भी हासिल की है। लेकिन अब बात अपने अस्तित्व के लिए बन आई है और 10 दिनों की हड़ताल में आप सभी लोगों को नुकसान में डालने के बाद ओला के अधिकारियों द्वारा लिखित मे आश्वासन देने के बाद भी मैं आपको न्याय नहीं दिला पाया हूं, जिसका दिल से मुझे दुख है, लीहाजा मैंने और मेरे सहयोगी निलेश गहलोत ने 26 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय में सूबह 11 बजे आत्मदाह करने का फैसला लिया है। मेरा फैसला अडिग है। आत्मदाह को लेकर पोस्टर भी बांटे गए थे, जिसके बाद कलेक्ट्रेट में बल तैनात किया गया था।