कैदियों की संख्या बढ़ने से जेलों    में संकट, नई बैरकें बनाई जाएंगी  
कैदियों की संख्या बढ़ने से जेलों   

में संकट, नई बैरकें बनाई जाएंगी  

  इंदौर। सांवेर रोड पर नई जेल का निर्माण कार्य रुका पड़ा है। कैदियों की संख्या के मान से इस जेल का निर्माण प्रस्तावित था। जेल के नहीं बनने से खामियाजा शहर की सेंट्रल व सीआई जेल को भुगतना पड़ रहा है। यहां कैदियों की संख्या में लगातार इजाफा होने से उनकी सुरक्षा तथा अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने में प्रशासन को पसीने आने लगे हैं। 

    कैदियों की अधिकता को देखते हुए जेल परिसर में नई बैरक का निर्माण किया जा रहा है। जेल अधीक्षक के मुताबिक इन दिनों करीब 2600 कैदी जेल में बंद हैं, जो कि मौजूदा बैरक क्षमता से बहुत अधिक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्माण करवाया जा रहा है। जेल अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि सेंट्रल जेल का औसत लॉकअप करीब 2300 कैदियों की क्षमता का है, लेकिन इन दिनों कैदियों की संख्या 2600 से अधिक है। ऐसी स्थिति में चार नए बैरक बनवाए जा रहे हैं, इसका काफी काम हो चुका है। जल्द की इसे पूरा कर लिया जाएगा। जेल अधीक्षक की माने तो बैरकों की क्षमता 20-20 कैदियों की है। इस तरह कुल 80 कैदियों को इसमें रखा जा सकेगा। वैसे इस बैरक में कैदियों को आराम करने या लेटने के लिए बर्थ नहीं है। ऐसे में इसमें 80 की बजाय 150 कैदी भी रखे जा सकते हैं। जेल प्रबंधन के अनुसार जल्द ही इन नई बैरकों में बंदियों को रखना शुरू कर दिया जाएगा।

 सेंट्रल जेल की क्षमता 1800 तथा सीआई की संख्या 1500 कैदियों की है। दोनों जेलों में पिछले कुछ दिनों से अतिरिक्त रुप से बढ़ गए हैं। ऐसे में सारी व्यवस्थाएं चौपट होने लगी है। बैरकों में मात्रा से अधिक कैदी रखे जा रहे हैं, जिससे कई बार छोटे-छोटे विवाद भी होते हैं। हालांकि, जेलकर्मियों की समझाइश व सख्ती से विवाद बड़ा रुप नहीं ले पाते हैं। कैदियों की संख्या बढऩे के बाद व्यवस्थाओं के बेहतर संचालन के लिए जेल प्रशासन सजग हो गया है। जेल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जेल परिसर में कई स्क्वेयर फीट जमीन रिक्त पड़ी है। इस जमीन का उपयोग बैरक बनाने में किया जा सकता है। जेल प्रशासन ने कैदियों की संख्या को देखते हुए शासन को पत्र लिखा है कि यहां अतिरिक्त बैरक बनाया जाए। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव पर सहमति मिलने के बाद टैंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दोनों जेलों में 5-5 बैरक बनाए जाने की योजना है। इससे कैदियों को राहत मिलेगी। बैरक बढऩे पर सजायाफ्ता व कुख्यात बदमाशों को अलग-अलग रखा जाएगा, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित कम होगी। बैरक बढऩे का असर जेल प्रहरियों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में आवश्यकता से अधिक प्रहरी कैदियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।