जाँच के दौरान महू उपजेल में
हर कैदी और जेल की तलाशी!
- किसी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली
इंदौर। महू उपजेल में दो दिन पहले अचानक अलार्म बज उठा था। इसके बाद कैदी और सिपाही अचानक किसी आशंका में सचेत हो गए। इसके बाद जेल में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। कुछ देर बाद साफ हुआ कि यह उपजेल की सुरक्षा जांच के लिए उठाया गया कदम है। यह सुरक्षा जांच करीब आधे घंटे तक जारी रही। इस दौरान उपजेल के सभी कैदियों की जांच की गई, वहीं उपजेल के अंदर और बाहर की दीवारों की भी जांच की।
उपजेल में होने वाली इस जांच की जानकारी पहले ही प्रशासन को दी जा चुकी थी। अशोकनगर जिले में जेल से भागने की योजना बना रहे कैदियों की साजिश तो नाकाम कर दी गई, लेकिन इसके बाद जेलों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों में है। इसे लेकर महू की उपजेल में सुरक्षा के लिए मॉकड्रिल की गई। इस दौरान दोपहर करीब 1.28 बजे अचानक अलार्म बज उठा और उपजेल में अफरा-तफरी मच गई। इसके तुरंत बाद उपजेल में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अंदर जाकर सघन तलाशी शुरू की। तलाशी के दौरान जेल में बंद सभी कैदियों की जांच की गई और उनके सामान को भी जांचा गया। इस दौरान जेल के अंदर की दीवारों, बगीचों आदि की भी जांच की हुई। बताया जाता है कि इस दौरान किसी भी कैदी के पास से कोई भी आपत्तिजनक या प्रतिबंधित सामग्री नहीं मिली। जेल प्रशासन ने इस बारे में पहले ही स्थानीय प्रशासन को जानकारी दे दी थी। इसके बाद शाम को इस बारे में जेल मुख्यालय में भी जानकारी दी गई।
कई खतरनाक कैदी
महू उपजेल को सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा से ही संवेदनशील माना जाता है। यहां काफी संख्या में खतरनाक कैदी होते हैं। इस समय महू उपजेल में 130 कैदी हैं। इनमें से करीब सत्तर कैदी बेहद गंभीर अपराधों में आरोपित हैं। इनमें से करीब 40 कैदी हत्या और 20 कैदी दुष्कर्म और लूट आदि अपराधों के हैं। वहीं, कुछ अन्य कैदी धोखाधड़ी जैसे अपराधों के लिए भी यहां हैं। वहीं बहुत से स्थानीय स्तर के खतरनाक बदमाश भी महू उपजेल में बंद हैं। इसके बावजूद महू उपजेल में सुरक्षाकर्मियों की कमी है। फिलहाल यहां 20-2 का स्टाफ है, वहीं एक ड्राइवर और दो हवलदारों की आवश्यकता है। इससे पहले उपजेल की ओर से बंदूकों की कमी के बारे में भी बात की गई थी, लेकिन पिछले दिनों जेल मुख्यालय से यहां छह राइफलें दी गई थीं। उपजेल की बाहरी दीवार छोटी होने के बारे में भी लिखा जा चुका है।
तीन साल पहले गांजा मिला था
उपजेल में इस तरह की जांच कई बार हो चुकी है। कुछ समय पहले यहां वरिष्ठ जेल अधिकारी द्वारा जांच किए जाने की जानकारी सामने आई थी। वहीं महू उपजेल के बारे में कई शिकायतें भी होती रही हैं। करीब तीन साल पहले यहां बंद कैदियों के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई थी। इनमें वकील योगेश गर्ग हत्याकांड के आरोपित मांगीलाल ठाकुर के पास से नकदी, मोबाइल फोन और गांजा भी जब्त हुआ था। हालांकि उपजेल के जेलर मनोज चौरसिया ने बताया कि इस समय जेल में पूरी सतर्कता बरती जा रही है और किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। ऐसे में उपजेल पूरी तरह सुरक्षित है और यहां किसी भी तरह की अवैधानिक गतिविधियां नहीं होती हैं। इस संबंध में उपजेल के जेलर मनोज चौरसिया ने बताया कि हमने जांच की है। सब कुछ सामान्य है। कैदियों के पास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है। हमने पहले ही इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी थी।
इंदौर। महू उपजेल में दो दिन पहले अचानक अलार्म बज उठा था। इसके बाद कैदी और सिपाही अचानक किसी आशंका में सचेत हो गए। इसके बाद जेल में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। कुछ देर बाद साफ हुआ कि यह उपजेल की सुरक्षा जांच के लिए उठाया गया कदम है। यह सुरक्षा जांच करीब आधे घंटे तक जारी रही। इस दौरान उपजेल के सभी कैदियों की जांच की गई, वहीं उपजेल के अंदर और बाहर की दीवारों की भी जांच की।
उपजेल में होने वाली इस जांच की जानकारी पहले ही प्रशासन को दी जा चुकी थी। अशोकनगर जिले में जेल से भागने की योजना बना रहे कैदियों की साजिश तो नाकाम कर दी गई, लेकिन इसके बाद जेलों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों में है। इसे लेकर महू की उपजेल में सुरक्षा के लिए मॉकड्रिल की गई। इस दौरान दोपहर करीब 1.28 बजे अचानक अलार्म बज उठा और उपजेल में अफरा-तफरी मच गई। इसके तुरंत बाद उपजेल में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अंदर जाकर सघन तलाशी शुरू की। तलाशी के दौरान जेल में बंद सभी कैदियों की जांच की गई और उनके सामान को भी जांचा गया। इस दौरान जेल के अंदर की दीवारों, बगीचों आदि की भी जांच की हुई। बताया जाता है कि इस दौरान किसी भी कैदी के पास से कोई भी आपत्तिजनक या प्रतिबंधित सामग्री नहीं मिली। जेल प्रशासन ने इस बारे में पहले ही स्थानीय प्रशासन को जानकारी दे दी थी। इसके बाद शाम को इस बारे में जेल मुख्यालय में भी जानकारी दी गई।
कई खतरनाक कैदी
महू उपजेल को सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा से ही संवेदनशील माना जाता है। यहां काफी संख्या में खतरनाक कैदी होते हैं। इस समय महू उपजेल में 130 कैदी हैं। इनमें से करीब सत्तर कैदी बेहद गंभीर अपराधों में आरोपित हैं। इनमें से करीब 40 कैदी हत्या और 20 कैदी दुष्कर्म और लूट आदि अपराधों के हैं। वहीं, कुछ अन्य कैदी धोखाधड़ी जैसे अपराधों के लिए भी यहां हैं। वहीं बहुत से स्थानीय स्तर के खतरनाक बदमाश भी महू उपजेल में बंद हैं। इसके बावजूद महू उपजेल में सुरक्षाकर्मियों की कमी है। फिलहाल यहां 20-2 का स्टाफ है, वहीं एक ड्राइवर और दो हवलदारों की आवश्यकता है। इससे पहले उपजेल की ओर से बंदूकों की कमी के बारे में भी बात की गई थी, लेकिन पिछले दिनों जेल मुख्यालय से यहां छह राइफलें दी गई थीं। उपजेल की बाहरी दीवार छोटी होने के बारे में भी लिखा जा चुका है।
तीन साल पहले गांजा मिला था
उपजेल में इस तरह की जांच कई बार हो चुकी है। कुछ समय पहले यहां वरिष्ठ जेल अधिकारी द्वारा जांच किए जाने की जानकारी सामने आई थी। वहीं महू उपजेल के बारे में कई शिकायतें भी होती रही हैं। करीब तीन साल पहले यहां बंद कैदियों के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई थी। इनमें वकील योगेश गर्ग हत्याकांड के आरोपित मांगीलाल ठाकुर के पास से नकदी, मोबाइल फोन और गांजा भी जब्त हुआ था। हालांकि उपजेल के जेलर मनोज चौरसिया ने बताया कि इस समय जेल में पूरी सतर्कता बरती जा रही है और किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। ऐसे में उपजेल पूरी तरह सुरक्षित है और यहां किसी भी तरह की अवैधानिक गतिविधियां नहीं होती हैं। इस संबंध में उपजेल के जेलर मनोज चौरसिया ने बताया कि हमने जांच की है। सब कुछ सामान्य है। कैदियों के पास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है। हमने पहले ही इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी थी।