इंदौर की ट्रैफिक पुलिस को दिल्ली में अवॉर्ड से सम्मानित! - फिक्की के दिल्ली समारोह में मध्यप्रदेश पुलिस को मिले अवार्ड
इंदौर की ट्रैफिक पुलिस को दिल्ली में अवॉर्ड से सम्मानित!

- फिक्की के दिल्ली समारोह में मध्यप्रदेश पुलिस को मिले अवार्ड
इंदौर। प्रदेश और इंदौर पुलिस को चार श्रेणियों में दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह सम्मान व्यापार एवं उद्योग जगत की देश की प्रमुख संस्था 'फिक्की' (फेडरेशन ऑफ़  इंडियन चेंम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) द्वारा दिया गया। फिक्की के ऑडीटोरियम में आयोजित हुए दो दिवसीय  समारोह में केन्द्रीय राज्य मंत्री  जितेन्द्र सिंह एवं अन्य अतिथियों ने पुलिस अफसरों को अवार्ड सौंपे।
   मध्यप्रदेश पुलिस को 'स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड्स- 2019' की चार श्रेणियों में अवार्ड दिए हैं । इसमें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अन्वेष मंगलम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दूरसंचार  उपेन्द्र जैन, पुलिस महानिरीक्षक अपराध अनुसंधान  डी. श्रीनिवास वर्मा व पुलिस अधीक्षक हेड क्वाटज्र सूरज कुमार वर्मा को सम्मानित किया गया। वहीं डीजीपी विजयकुमार सिंह के नेतृत्व में स्मार्ट पुलिसिंग के क्षेत्र में टीम वर्क से किए गए सफल नवाचारों के लिए ये अवार्ड मिले हैं। राष्ट्रीय स्तर के ये अत्यधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं। मप्र पुलिस को फिक्की ने जिन श्रेणियों में  अवार्ड दिए हैं, उनमें  महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराध नियंत्रण में अनुकरणीय कार्य,  प्रदेश की ' चिन्हित अपराधझ् योजना, एससीएमआरसी (सेफ सिटी मॉनीटरिंग रिस्पॉन्स सेंटर ) भोपाल में 60 शहरों के सीसीटीवी डेटा पर पुलिस टेलीकॉम द्वारा बनाए गए वाहन डिटेक्शन पोर्टल एवं इंदौर ट्रैफिक के लिए विकसित किया गया सिस्टम शामिल हैं। पुरस्कारों का निर्णय भारत के पूर्व गृह सचिव  जीके पिल्लई के नेतृत्व में पेशेवर पुलिस और उद्योग जगत के दिग्गजों की ज्यूरी द्वारा किया गया है।
अपराधियों को सजा दिलाने के लिए
  महिलाओं और बच्चों का यौन उत्पीडऩ करने वाले अपराधियों को  सजा दिलाने के लिए मप्र पुलिस द्वारा बनाये गए पुख्ता तंत्र को फिक्की द्वारा अवार्ड दिया गया है । यह अवार्ड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक  अन्वेष मंगलम ने प्राप्त किया। उन्होंने बताया  मई 2018 के बाद से अब तक प्रदेश के 27 मामलों में न्यायालयों द्वारा मौत की सजा दी गई है, जो देश में एक वर्ष के भीतर किसी भी राज्य में स्वतंत्रता के बाद  दी गईं सर्वाधिक मौत की सजाएं  हैं।  साथ ही 200 से अधिक आजीवन कारावास भी दिलाईं गई हैं। मौत की सजा के 27 मामलों में से उच्च न्यायालय द्वारा अपील पर लगभग 12 मामलों पर विचार किया गया है। लेकिन मप्र पुलिस द्वारा रखे गए पुख्ता साक्ष्यों की वजह  से  कोई भी अपराधी बरी नहीं हो सका है। मंगलम ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ  होने वाले यौन उत्पीडऩ के मामलों को  प्रभावी ढंग से रोकने और आरोपियों का पता लगाकर उन पर मुकदमा चलाने के लिए एक पूर्ण प्रणाली विकसित की जा रही है।
वाहन जांच पोर्टल
   'फिक्की' का स्मार्ट पुलिसिंग का अवार्ड एससीएमआरसी भोपाल एवं पुलिस दूरसंचार के वाहन जांच पोर्टल के लिए मिला है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दूरसंचार उपेन्द्र जैन ने यह अवार्ड प्राप्त किया। उन्होंने बताया इस पोर्टल पर चोरी के वाहनों का पता लगाने के लिए संपूर्ण डेटा एकत्र कर विश्लेषण किया जाता है। श्री जैन ने बताया कि अपराधों में अक्सर वाहनों का दुरुपयोग होता है। वाहन से संबंधित समस्त विवेचना के लिए वाहन डिटेक्शन पोर्टल बनाया गया है।  यह पोर्टल अपराधों में प्रयुक्त वाहनों से संबंधित विवेचना में काफी कारगर सिद्घ हो रहा है। इस पोर्टल पर सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्किंग सिस्टम),  मप्र ट्रांसपोर्ट विभाग एवं सीसीटीवी कैमरों से  संबंधित डाटा को एकीकृत किया गया है।
अपराध योजना के लिए
  'फिक्की' का अवार्ड चिन्हित अपराध योजना के लिए भी मिला है। यह अवार्ड पुलिस महा निरीक्षक डी. श्रीनिवास वर्मा ने प्राप्त किया। ज्ञात हो प्रदेश पुलिस राज्य में प्रति वर्ष लगभग 800 से एक हजार सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों की पहचान करती है।  इन मामलों में जांच से लेकर अभियोजन और अपील के चरण तक हर स्तर पर मजबूत पैरवी की जाती है। ऐसे मामलों में सजा की दर 70 प्रतिशत से भी अधिक है।
बेहतर यातायात  के लिए
  फिक्की द्वारा चौथी श्रेणी में बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए दिया गया अवार्ड पुलिस अधीक्षक हेड क्वार्टर (इंदौर) सूरजकुमार वर्मा ने प्राप्त किया। उन्होंने बताया  इंदौर शहर में ऐसा यातायात प्रबंधन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही  जन-जागरण के जरिए समाज के सभी वर्गों में ट्रैफिक नियमों का पालन की समझ विकसित की जा रही है।
60 शहरों में सीसीटीवी 
   मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां  पुलिस द्वारा 60 शहरों में सीसीटीवी स्थापित किए गए हैं। इससे बड़े पैमाने पर अपराधों की रोकथाम, अपराध का पता लगाने, आपराधिक पहचान और सावज्जनिक शांति बनाए रखने के लिए उपयोग किया जा रहा है।  उज्जैन सिंहस्थ -2016  एवं अन्य सैकड़ों अवसरों पर इस सुविधा ने सार्वजनिक व्यवस्था और अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देकर  सक्षम एवं कारगर कार्रवाई में उपयोगिता साबित की है। सीसीटीवी डेटा की मदद से हजारों मामलों का पता लगाया गया है और आपराधियों की पहचान की गई है। हाल ही में अदालतों द्वारा जिन 5 मामलों में मौत की सजा सुनाई है, उनमें  डीएनए मिलान के अलावा सीसीटीवी के फुटेज भी महत्वपूर्ण सबूत साबित हुए हैं।