इंदौर का 'सीजीएचएस' सेंटर चिकित्सा और  जाँच सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा! 
इंदौर का 'सीजीएचएस' सेंटर चिकित्सा और 

जाँच सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा! 

इंदौर। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों, सांसदों, आयपीएस, आईएएस अधिकारियों तथा न्यायधीशों को मिलने वाली केन्द्रीय कर्मचारी चिकित्सा योजना (सीजीएचएस) के अंतर्गत इंदौर सीजीएचएस वेलनेस  सेंटर इमपेनल्ड हास्पिटल्स तथा पैथालाॅजिकल लेबोरेटरीज से मिलने वाली उपचार तथा जाॅंच सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। 

  जानकारी के मुताबिक एकमात्र इमपेनल्ड 'शैल्बी हास्पिटल' और 'सेंट्रल पैथाॅलाॅजिकल लेब' ने करोडों का भुगतान बकाया होने के कारण सीजीएचएस कार्डधारकों की उपचार तथा जाॅच सुविधा बंद कर दी है। इससे इंदौर सीजीएचएस वेलनेस सेंटर के सैकडों कार्डधारकों को जिनमें अधिकांश केन्द्र सरकार के सेवा निवृत्त अधिकारी हैं, काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। इसे लेकर पेंशनधारकों की एसोएिशन ने सांसद शंकर लालवानी से मुलाकात कर उन्हें परेशानियों से अवगत कराया है। इस पर उन्होंने इसके कारणों का पता लगाकर शीघ्र उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। 
  उच्च न्यायालय के आदेश के तहत इंदौर में खोले गए सीजीएचएस वेलनेस सेंटर के साथ शुरू से ही सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। सामान्यतः हर शहर के वेलनेस सेंटर के लिए अलग से एडिशनल डायरेक्टर का ऑफिस तथा स्टाॅफ स्वीकृत होता है, लेकिन इंदौर में सीजीएचएस हास्पिटल के बजाए वेलनेस सेंटर खोला गया और उसे भी सीजीएचएस भोपाल के एडीशनल डायरेक्टर के अधीन रखा गया है। इस कारण कार्डधारकों को विशेष प्रकरण में इलाज और कैंसर जैसी घातक बीमारी की महंगी दवाईयों के लिए भोपाल कार्यालय से अनुमति का इंतजार करना पडता है। यदि कोई कार्डधारक अचानक बीमार हो जाए और इमरजेंसी में भर्ती होकर इलाज करवाए तो उसे पहले पूरा खर्च वहन करना होता है। फिर उसे प्रतिपूर्ति के लिए बिल भोपाल भेजना होता है वहां महीनों तक बिल पैंडिंग रहते हैं और काटपीट कर आधी से भी कम राशि का भुगतान किया जाता है।
   देश के सभी सीजीएचएस शहरों में कम से कम चार पांच प्राइवेट हास्पिटल्स को इमपेनल्ड किया गया है जहां सीजीएचएस कार्ड धारक केशलैस उपचार करवा सकते हैं। लेकिन, इंदौर में इस समय  एक भी हास्पिटल इमपेनल्ड नहीं है। केवल एक शैल्बी हाॅस्पिटल को इमपेनल्ड किया गया था, लेकिन उसका लगभग डेढ करोड रूपए बकाया होने से उसने उपचार सुविधा बंद कर दी है । इस बीच उसका करार भी 13 जुलाई को समाप्त हो चुका है, जिसे अभी तक रिन्यू नहीं किया जा सका है। इसी तरह सेंट्रल लैब ने भी भुगतान न किए जाने से सीजीएचएस कार्ड धारकों की जांच का काम भी बंद कर दिया है। वर्तमान स्थिति में सीजीएच इंदौर वेलनेस सेंटर के पास न तो कोई हास्पिटल इमपेनल्ड है और न कोई पैथालाॅजिकल लेब अनुबंधित है। ऐसे में सीजीएचएस कार्ड धारकों के पास अपनी जेब  से पैसा खर्च कर अपना इलाज करवाने के अलावा कोई चारा नही है। इंदौर वेलनेस सेंटर से लोकल परचेस के माध्यम से मिलने वाली दवाईयों की सुविधा भी कभी भी समाप्त हो सकती है। क्योंकि, दवाईयों की आपूर्ति करने वाले मेडिकल स्टोर का लगभग 50 लाख रूपए बकाया है। यदि ऐसा होता है तो इंदौर वेलनेस  सेंटर केवल दिखावे का सेंटर बन जाएगा और यहां से जुडे सैकडों कार्डधारक केन्द्र सरकार की इस योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे।