एक ही व्यक्ति को एक से ज्यादा
दुकानें मिली तो अनुबंध रद्द होगा
इंदौर। निगम अपनी दुकानों को टैंडर व लाटरी पद्धति से आवंटित करता है। इसमें कई बार निचले स्तर के कर्मचारियों की साठगांठ से दुकान फर्जी व्यक्ति को आंवटित हो जाती है। अब निगम सारे शहर में अपनी खुद की दुकानों की जांच करेगा। जहां भी फर्जी नाम से या एक से अधिक दुकान एक ही व्यक्ति के नाम पर मिली तो उसका अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा।
शहर में निगम 95 दुकानों को किराए पर देने की कोशिश में लगा हुआ है। तमाम प्रयासों के बाद भी दुकानें किराए पर लेने लोग आगे नहीं आ रहे। हालत यह हो गए कि पांच बार टैंडर निकालने के बाद भी दुकानों के किराएदार नहीं मिल रहे हैं, जिससे निगम का टेंशन बढ़ता जा रहा है। इन दुकानों के खाली रहने से आर्थिक क्षति भी निगम को उठानी पड़ रही है। इसी बीच निगम को जानकारी मिली की शहर में कुछ दुकानों के आवंटन में गफलत हुई है। एक ही नाम से दो दुकानें आवंटित कर दी है। लाटरी पद्धति का पालन नहीं किया गया है। इस तरह की गलती मार्केट विभाग से हुई है। जबकि, कई दुकानदार लाटरी के माध्यम से दुकान लेने के लिए कतार में लगे हैं। निगम आयुक्त आशीष सिंह के सामने यह मामला पहुंचा कि एक ही नाम से कुछ लोगों ने तीन से पांच दुकानें किराए पर ले रखी है, जो की नियम विरुद्ध है। इसे गंभीरता से लेते हुए निगमायुक्त ने मार्केट विभाग को निर्देशित किया कि एक सप्ताह में गलत तरीके से आवंटित की गई दुकानों की जांच कर सूची तैयार करें और सूची की जांच के बाद दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाए कि किस कर्मचारी या अधिकारी के कारण दुकान का आवंटन किया गया। दुकान आवंटन में जो भी अधिकारी व कर्मचारी दोषी होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शहर में निगम 95 दुकानों को किराए पर देने की कोशिश में लगा हुआ है। तमाम प्रयासों के बाद भी दुकानें किराए पर लेने लोग आगे नहीं आ रहे। हालत यह हो गए कि पांच बार टैंडर निकालने के बाद भी दुकानों के किराएदार नहीं मिल रहे हैं, जिससे निगम का टेंशन बढ़ता जा रहा है। इन दुकानों के खाली रहने से आर्थिक क्षति भी निगम को उठानी पड़ रही है। इसी बीच निगम को जानकारी मिली की शहर में कुछ दुकानों के आवंटन में गफलत हुई है। एक ही नाम से दो दुकानें आवंटित कर दी है। लाटरी पद्धति का पालन नहीं किया गया है। इस तरह की गलती मार्केट विभाग से हुई है। जबकि, कई दुकानदार लाटरी के माध्यम से दुकान लेने के लिए कतार में लगे हैं। निगम आयुक्त आशीष सिंह के सामने यह मामला पहुंचा कि एक ही नाम से कुछ लोगों ने तीन से पांच दुकानें किराए पर ले रखी है, जो की नियम विरुद्ध है। इसे गंभीरता से लेते हुए निगमायुक्त ने मार्केट विभाग को निर्देशित किया कि एक सप्ताह में गलत तरीके से आवंटित की गई दुकानों की जांच कर सूची तैयार करें और सूची की जांच के बाद दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाए कि किस कर्मचारी या अधिकारी के कारण दुकान का आवंटन किया गया। दुकान आवंटन में जो भी अधिकारी व कर्मचारी दोषी होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।