इंदौर। नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो माह के करीब हो गए हैं। कॉलेजों व स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया निरंतर चल रही है। उच्च शिक्षा के लिए सरकार ने शिक्षा लोन योजना शुरू की है। बच्चों को बैंकों से लोन नहीं मिल पा रहा है। दस्तावेजों व जमानत की बात कहकर बैंकों ने लोन प्रक्रिया में पेंच फंसा दिए हैं इससे परिजन और बच्चे दोनों परेशान हैं।
कुछ साल पहले सरकार ने बच्चों को उच्च शिक्षा में आसानी के लिए शिक्षा लोन शुरू किया है। हजारों बच्चे शिक्षा लोन लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। अब लोन की राशि चुकाने का समय आ गया है। जो बच्चे लोन लेकर शिक्षित हुए हैं,उनकी अच्छी नौकरी नहीं लग पाई है। नौकरी नहीं लगने से वे लोन चुकाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। बैंक के तमाम नोटिसों के बाद भी लोन की राशि नहीं मिल रही है। वहीं, कुछ विद्यार्थी अच्छी नौकरी करने के बाद भी लोन डकारने में लगे हुए हैं। बैंक के सूत्रों की मानें तो करोड़ों रुपए लोन के रुप में डूबत खाते में पड़े हैं। वसूली की प्रक्रिया में ज्यादा सफलता हांसिल नहीं हो पा रही है। करोड़ों रुपए जमा नहीं होने से बैंक के सामने संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नोटिस के बाद लोनधारक पैसा और नौकरी नहीं होने का बहाना कर बच निकल रहा है। ऐसे में अब तय किया है कि लोन उसी शर्त पर बच्चों को दिया जाएगा, जबकि उसके जमा होने की गारंटी मिल सके। उधर, लोन नहीं देने की शिकायत केन्द्र व राज्य सरकार के पास पहुंच गई है, वहां से अभी तक लोन देने को लेकर कोर्ई नया आदेश नहीं आया है।