हैदराबाद के शहर से आई मखमली
चादर यज़दानी बाबा ने पेश की! ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi9aSnjtO0vSDHgUoj7WZ2gIX8CCsDhd_M8TFZvkg7PobQt_aosyDBemJd9OVBXAcRX-2HHcg1PrcNwz1344qzeNneO46_2XTX7x2ayFhKB7TtWUrvjaYwTp_a6ASR234950S7OooOZSMk/)
इंदौर। लोबान की धुनी और इत्र से पूरा माहौल महक रहा था। जैसे ही तुकोगंज पर ताजुल औलिया हज़रत नियाज़ अली शाह की दरगाह पर मखमली चादर पेश की गई, तो अक़ीदत से सभी की आंखें भर आईं।
इंदौर। लोबान की धुनी और इत्र से पूरा माहौल महक रहा था। जैसे ही तुकोगंज पर ताजुल औलिया हज़रत नियाज़ अली शाह की दरगाह पर मखमली चादर पेश की गई, तो अक़ीदत से सभी की आंखें भर आईं।
उर्स में हैदराबाद के मीर मुज़्तबा यज़दानी बाबा ने हरे रंग की मखमली परम्परागत चादर शरीफ पेश की। चादर पर अरबी भाषा में कलमा लिखा हुआ था। 1982 से यज़दानी बाबा साहब अपने मुरीदों के साथ नवाबों के शहर हैदराबाद से परम्परागत चादर शरीफ लेकर हाज़िर हो रहे हैं। ख़िदमतगार (सेवक) सादिक़ पाशा ने बताया कि सालाना उर्स का आगाज़ क़ुरआन ख़्वानी व फातिहा के साथ हुआ। इसके बाद मुफ़्ती-ए-मालवा मौलाना नूरुलहक़ नूरी, मौलाना अमीन बरकाती बरकाती, साबिर हाशमी, मोहम्मद अनीस खान, साजिद खान गुड्डू की मौजूदगी में हैदराबाद के सूफी हज़रत मीर मुज्तबा यजदानी बाबा साहब ने अपने मुरीदों के साथ अदब व एहतराम के साथ चादर पेश की। इस मौके पर यज़दानी बाबा ने कहा कि दौलत, शोहरत, तमाम तरह की दुनियावी लज्ज़तों से खुद को दूर करके रब से लौ लगाना और उसकी इबादत करना ही सूफ़ीवाद है। इस मौके पर यजदानी बाबा की जानिब से विशाल लंगर भी रखा, जो दिनभर चला। देश की खुशहाली और बेहतर बारिश के लिए विशेष दुआ भी मांगी गई। दरगाह को फूलों और रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया। सभी धर्म के मानने वाले श्रध्दा के साथ मान मन्नत लेकर हाज़िर हुए।