एमआईसी सदस्य की मांग, रहवासी क्षेत्र
के पुराने व्यापार लायसेंसों को रिन्यु करें ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiaaMLMzjU8gzAMdW_X_E4RkhsDreaWIldCkaqmkUwDzpAjVKVG7WuyfQHb8NzAl4uyY72Z48l-4gFMRDb6okdoF8Km8MsQz8oi8w2dfQ1rWGhcNVZ5zKdoLd4b_bOqHuFvv-6kMbaAeo8/)
इंदौर। रहवासी इलाके में व्यावसायिक गतिविधि संचालित करना नगर निगम ने पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। निगम के सीमा क्षेत्र के किसी भी रहवासी क्षेत्र में अब दुकान नहीं खोली जा सकेगी। निगम आयुक्त ने इस पर रोक लगा दी है। लेकिन, एमआईसी सदस्यों ने इसका विरोध किया है।
इस साल 10 मई से लागू हुए इस आदेश के बाद शहर के कई पुराने इलाको में सालों से चलने वाले दुकानों के लाइसेंस भी अब रिन्यू नहीं हो रहे! इस कारण निगम को भी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इस आदेश के विरोध में निगम के एमआईसी सदस्य सुधीर देडगे का आयुक्त से कहना है कि इंदौर को प्रदेश की आर्थिक राजधानी माना जाता है, और इस शहर में कई ऐसे इलाके है, जिनमे आजादी के पहले से व्यापार संचालित हो रहे हैं। वहीँ आवश्कता के अनुसार दुकान लगाकर अपनी आजीविका चला रहे है, ऐसे में उनके लाइसेंस रिन्यू न करना गलत है। भले ही किसी को नए लाइसेंस न दे, लेकिन जो पिछले कई सालो से अलग-अलग इलाको में दुकान लगाकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उनके पास लाइसेंस भी है, उनके लाइसेंस जारी रखे जाएं। इस आदेश के बाद शहर में बिना लाइसेंस के व्यापार करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। निगम आयुक्त ने शासन के आदेश अनुसार 10 मई से आवसीय क्षेत्र में किसी भी तरह की व्यापार लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी! इसमें नए बनने वाले और पुराने चल रहे दोनों ही लाइसेंस शामिल हैं! इसके बाद से निगम में लाइसेंस बनाने की संख्या काफी कम हो गई। इस मामले में निगम आयुक्त का कहना है कि उन्होंने जो आदेश दिए है, वह शासन की मंशा अनुरूप है, शुल्क न मिलने वाली राशि का भी नुकसान हो रहा है। जबकि, एमआईसी ने पुराने लाइसेंस रिन्यू करने की मांग की है।